गाजीपुर। जिले में इस समय रवि की फसलों की बुवाई का महत्वपूर्ण समय चल रहा है, लेकिन किसानों को खाद की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। समितियों और गोदामों के चक्कर काटने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल रही है, जिससे बुवाई कार्य प्रभावित हो रहा है। कई किसानों का कहना है कि कहीं खाद की अनुपलब्धता है तो कहीं केवल एक बोरी खाद दी जा रही है, जो फसलों की सही बुवाई के लिए अपर्याप्त है। इससे किसानों के मन में निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है, क्योंकि खाद की कमी के कारण उनकी फसल की वृद्धि और पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
समितियों में खाद की कमी
जिले के कई क्षेत्रों से खबरें आई हैं कि किसान समितियों और गोदामों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जहां खाद उपलब्ध है, वहां भी मात्र एक बोरी प्रति किसान दिया जा रहा है, जबकि एक किसान को अपनी फसल की बुवाई के लिए इससे कहीं अधिक खाद की जरूरत होती है। इससे किसान मजबूर होकर अन्य साधनों से खाद खरीदने के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ रही है।
कृषि विभाग की लापरवाही
इस स्थिति के लिए कृषि विभाग पर भी सवाल उठ रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार का कहना है कि जोत के अनुसार किसानों को खाद वितरित करने का निर्देश दिए गए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि विभाग ने समय रहते खाद की उपलब्धता सुनिश्चित क्यों नहीं की। उनकी ओर से यह भी कहा गया कि 15 नवंबर के बाद जिले में एक और रैक डीएपी खाद आएगा, लेकिन तब तक बुवाई का समय समाप्त हो जाएगा। ऐसे में किसानों को खाद के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ेगा, जिससे उनकी फसलों का सही तरीके से विकास नहीं हो पाएगा।
बुवाई पर प्रभाव
किसान अब खाद की अनुपलब्धता और वितरण की इस समस्या से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। समय पर खाद न मिलने से रवि की फसलों की बुवाई में देरी हो रही है, जो कि फसल की उपज को प्रभावित कर सकता है। सही समय पर खाद का उपयोग फसलों की वृद्धि और पैदावार के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। यदि खाद समय पर नहीं मिल पाती, तो यह न केवल उत्पादन को प्रभावित करेगा, बल्कि किसानों के लिए आर्थिक नुकसान का कारण भी बनेगा।
कृषि संकट का समाधान आवश्यक
इस संकट का समाधान अब सरकार और कृषि विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। किसानों को खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विभाग को गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। खाद की किल्लत को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए ताकि किसानों को सही समय पर खाद मिल सके और उनकी बुवाई प्रभावित न हो। इसके साथ ही, यदि खाद की कीमतों में वृद्धि हो रही है, तो सरकार को उस पर नियंत्रण रखने के लिए भी उपाय करना होगा, ताकि किसानों को अतिरिक्त खर्चों से बचाया जा सके।
वर्तमान स्थिति में, किसानों के लिए खाद की उपलब्धता और सही समय पर वितरण एक अहम मुद्दा बन चुका है। कृषि विभाग को इस समस्या का शीघ्र समाधान करना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके और उनकी फसलों की बुवाई बिना किसी परेशानी के पूरी हो सके।