गाजीपुर। जिले में शनिवार को थाना दिवस का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य आयोजन बिरनो थाने में किया गया। इस अवसर पर एसपी डॉ. ईरज राजा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। थाना दिवस का उद्देश्य था कि नागरिक अपनी समस्याओं को सीधे पुलिस अधिकारियों के सामने रखें और मौके पर ही उनका समाधान किया जाए। हालांकि, इस दिन के आयोजन में उम्मीदों के विपरीत कोई खास नतीजा नहीं निकल पाया, और फरियादियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका।


बिरननो थाने में आयोजित मुख्य थाना दिवस में कुल पांच फरियादियों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई। इन शिकायतों में कुछ भूमि विवाद, कुछ अन्य सामान्य अपराधों से संबंधित थीं। लेकिन, मौके पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। फरियादियों का आरोप था कि उन्होंने जो समस्याएं उठाईं, उनका समाधान न तो तत्काल किया गया और न ही इस पर कोई गंभीर विचार किया गया। मामले के निस्तारण के बजाय फरियादियों को केवल आश्वासन दिए गए।

गाजीपुर के जिलाधिकारी (डीएम) ने इस मौके पर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि एंटी भू माफिया एक्ट के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए और संबंधित मामलों में कार्यवाही किया जाए। लेकिन, इसके बावजूद थाना दिवस के दौरान मामले का समाधान नहीं हो पाया, जिससे फरियादियों के चेहरे पर मायूसी थी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि थाना दिवस का आयोजन भले ही समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते यहां फरियादियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता। ऐसे आयोजनों में फरियादी खुद को तंत्र से निराश महसूस करते हैं, क्योंकि कई बार मामलों में उचित ध्यान और कार्रवाई का अभाव होता है।

इस बार भी थाना दिवस के दौरान यही स्थिति रही, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या वाकई थाना दिवस जैसी पहलें नागरिकों की समस्याओं को सुलझाने में प्रभावी साबित हो रही हैं, या केवल कागजी कार्यवाही तक सीमित रह जाती हैं। लोगों की उम्मीदें टूटीं और उनके सवाल जवाब से बाहर थे।