बच्चों में अच्छी आदतें विकसित करने का दायित्व माता-पिता का - डॉ. शिव कुमार
न्यू होराइजन एकेडमी में बच्चों के व्यवहार संबंधी समस्याएं और उनका समाधान विषय पर वर्कशॉप सम्पन्न
गाजीपुर। बच्चों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा-दीक्षा और संस्कार आदि की जिम्मेदारी उनके माता-पिता की होती है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों को समय दें और उनसे भावनात्मक जुड़ाव स्थापित करें। यह याद रखें कि बच्चे हमारी च्वाइस से हमारे घर आए हैं, ये हमारी प्रॉपर्टी नहीं हैं, बल्कि हमारा दायित्व और जिम्मेदारी हैं।
यह बात क्रिएटिव विजन सोसाइटी द्वारा संचालित न्यू होराइजन एकेडमी, गाजीपुर में आज दिनांक 24 नवम्बर 2024 को आयोजित "बच्चों के व्यवहार संबंधी समस्याएं और उनका समाधान" विषयक वर्कशॉप में सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक और मोटिवेशनल ट्रेनर डॉ. रीना सिंह राजपूत ने कही। उन्होंने एकेडमी के छात्रों के पेरेंट्स और अभिभावकों से संवाद करते हुए कहा कि एक अध्ययन के अनुसार, माता-पिता को बच्चों के साथ कम से कम 40 मिनट का क्वालिटी टाइम देना आवश्यक है। उन्हें कहानियाँ सुनाएं, उनके साथ पारिवारिक और सामाजिक संदर्भों पर बातचीत करें, खेलकूद की क्रियाओं में सहभागिता करें, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़े और संतुलित व्यक्तित्व का निर्माण हो सके।
डॉ. राजपूत ने कहा कि पेरेंट्स को बच्चों के साथ बातचीत करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए। शुद्ध, संयत और शिष्ट शब्दावली का प्रयोग बच्चों में व्यवस्थित संवाद कला को विकसित करने में मदद करता है। इसके बाद, डॉ. राजपूत ने उपस्थित अभिभावकों से उनके बच्चों से संबंधित समस्याओं के बारे में प्रश्न पूछे और उनके समाधान पर चर्चा की। उन्होंने एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया में कोई तीन व्यक्ति भी एक जैसे नहीं हो सकते, और कोई भी दो व्यक्ति समान मानसिक अवस्था के नहीं होते। इसलिए, बच्चों की प्रतिभाएं अलग-अलग होती हैं और उन्हें निखारने की आवश्यकता होती है, लेकिन तुच्छ प्रतिस्पर्धा से बचाया जाना चाहिए।
राजकीय पीजी महिला महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार ने इस दौरान कहा कि बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना माता-पिता की जिम्मेदारी है। प्रो. अमरनाथ राय ने भी वर्कशॉप को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के साथ संयत व्यवहार न होने की स्थिति में वे अंतर्मुखी हो सकते हैं और बुरी आदतों का शिकार हो सकते हैं।
कार्यक्रम के समापन पर एकेडमी के शैक्षणिक निदेशक प्रो. अजय राय ने डॉ. राजपूत का आभार व्यक्त किया और अभिभावकों को एकेडमी के रेमेडियल-प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने का आग्रह किया।
इस वर्कशॉप में श्रीमती विभा राय, किरणबाला राय, श्रीराम तिवारी, सुनीता मिश्रा, रेनू राय, सारिका राय, अभिषेक श्रीवास्तव, कुबेर यादव सहित अन्य शिक्षिकाएँ और कर्मचारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में दर्जनों अभिभावकों ने भी भाग लिया।