गाजीपुर। नेहरू युवा केंद्र गाज़ीपुर, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार, और माय भारत के तत्वावधान में डीएवी इंटर कॉलेज में संविधान दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। सभी का स्वागत प्रवक्ता प्रांशु ने किया।
समारोह के मुख्य अतिथि, प्रख्यात कवि दिनेश चंद्र ने कहा कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे श्रेष्ठ संविधान है। उन्होंने डॉ. अंबेडकर के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि "किसी भी देश का संविधान कितना भी अच्छा हो, यदि उसे लागू करने वाले अच्छे ना हों तो वह अच्छा नहीं हो सकता।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि संविधान खराब हो, लेकिन उसे लागू करने वाले अच्छे हों, तो वह संविधान अच्छा हो सकता है।
नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक कपिल देव ने अंबेडकर जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और संविधान के विभिन्न आयामों पर चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से विकसित भारत युवा लीडर डायलॉग कार्यक्रम में युवाओं को भाग लेने के लिए 25 नवंबर से माय भारत पोर्टल पर पंजीकरण प्रारंभ हो गया है, जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रधानमंत्री जी के साथ वार्ता का अवसर मिलेगा।
डीएवी इंटर कॉलेज के प्रबंध समिति के अध्यक्ष आदित्य कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारी सभ्यता और संस्कृति संविधान की मूल भावना में समाहित है। उन्होंने संविधान में उल्लेखित मूल अधिकारों के साथ-साथ नागरिक कर्तव्यों पर भी जोर दिया।
समारोह में समाजसेवी अनिल कुमार अनिलाभ, छात्रा आफरीन बानो, प्रवक्ता जितेंद्र कुमार, नेहरू युवा केंद्र के लेखा एवं कार्यक्रम सहायक सुभाष चंद्र प्रसाद, दिग्विजय भारद्वाज आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम भी घोषित किए गए। चित्रकला प्रतियोगिता में अतुल कुमार को प्रथम, परी वर्मा को द्वितीय और सरवन कुमार को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। निबंध प्रतियोगिता में आफरीन बानो ने प्रथम, सलोनी कुमारी ने द्वितीय, और सौरभ कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। संविधान पर आयोजित प्रश्नोत्तरी में आफरीन बानो ने प्रथम, अतुल कुमार ने द्वितीय, और अंजू कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता संतोष कुमार तिवारी ने किया। अंत में डीएवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य हरिशंकर शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।