विशेष रिपोर्ट: डा.अरविंद गांधी, वीएनएफए/वि.न्यूज

वाराणसी। प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी " काली पूजन" के उपलक्ष्य में माँ काली एवं माँ तारा का विशेष पूजन, श्रृंगार एवं आरती अपने पूर्व निर्धारित समय से शुरु होकर  समाप्त हुआ। पूजन पश्चात्  हजारों भक्तजनों को देर रात्रि तक भोग प्रसाद (भण्डारा) वितरण किया गया। 

ज्ञातव्य हो कि निशी पूजन एवं हवन देर रात्रि तक चला। पूजन श्रृंगार एवं आरती में पश्चिम बंगाल के हुगली जिला से आये हुए मुख्य पुरोहित  पं. सागर पालधी एवं पं. प्रोसेन्जित चक्रवर्ती एवं सहायक पं. स्वरूप चक्रवर्ती के सानिध्य में सम्पन्न हुआ।

 मंदिर के ट्रस्टी/सदस्य डा. एस. एस.गांगुली ने हमारे वाराणसी स्थित वीर अर्जुन के ब्यूरो चीफ डा.अरविंद गांधी को बताया कि सन् 1752 में महारानी भवानी द्वारा स्थापित माँ काली मन्दिर, माँ तारा मन्दिर, माँ दुर्गा मन्दिर, माँ विशालाक्षी मन्दिर, राधा-कृष्ण-ललिता मन्दिर, गोपाल मन्दिर एवं शिव मन्दिर स्थापित किया गया। 

पूजन पश्चात् माँ काली एवं माँ तारा को सोलह (16) प्रकार के व्यंजन का भोग लगाया गया। माँ काली एवं माँ तारा को विशेष रूप से परमान्नो (खीर) का भोग लगाया गया। 

पूजन श्रृंगार एवं आरती में मुख्य रूप से उपस्थित  अतिथिगण , माननीय श्री विजय शंकर रस्तोगी जी (पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता एवं पूर्व अध्यक्ष - दी बनारस बार एसोसिएशन,वाराणसी), विधान परिषद सदस्य धर्मेन्द्र सिंह,एसीपी धनंजय मिश्रा , रत्नेश्वर पाण्डेय जी पूर्व महामंत्री - दी बनारस बार एसोसिएशन, वाराणसी, अधिवक्ता धुव्र पाण्डेय , श्री शंकर प्रसाद मुखर्जी चेयरमैन- ईगल क्लब सहित पूजन श्रृंगार एवं आरती में मुख्य रूप से उपस्थित रानी भवानी एण्डाउमेन्ट एस्टेट के ट्रस्टीगण सर्वश्री रविन्द्र नाथ बनर्जी (वरिष्ठ अधिवक्ता), डॉ शिव सुन्दर गाँगुली (वरिष्ठ चिकित्सक), श्री तारक नाथ गाँगुली (वरिष्ठ अधिवक्ता) एवं रानी भवानी एण्डाउमेन्ट एस्टेट के प्रबन्धक श्री श्यामा प्रसाद कुन्डू उपस्थित थे।