गाजीपुर। कासिमाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थापित डिजिटल एक्स-रे मशीन आजकल सिर्फ शोपीस बनकर रह गई है। मरीजों को एक्स-रे करवाने के लिए अब बाहर निजी क्लीनिकों पर जाकर अधिक दामों पर उपचार कराना पड़ रहा है। विभागीय कर्मियों की मानें तो एक्स-रे मशीन को चलाने के लिए संबंधित तकनीशियनों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया था, लेकिन उन तकनीशियनों ने इंजीनियरों से प्रशिक्षण लेने से मना कर दिया है। नतीजतन, मशीन सही से संचालित नहीं हो पा रही है, जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस स्थिति को लेकर भाजपा मंडल उपाध्यक्ष लल्लन चौहान, रामदयाल चौरसिया, जावेद अहमद, देवेंद्र कुमार समेत कई अन्य नेताओं ने कासिमाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खिलाफ आवाज उठाई है। इन नेताओं ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) का ध्यान आकर्षित करते हुए अस्पताल के एक्स-रे टेक्नीशियनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर इन टेक्नीशियनों का इस तरह से गैर जिम्मेदाराना रवैया जारी रहा, तो यह स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को और बिगाड़ेगा और गरीब मरीजों को नुकसान पहुंचेगा।

इस मामले में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एनके सिंह ने बताया कि मशीन पूरी तरह से डिजिटल है और तकनीशियनों द्वारा चार्ज नहीं लिए जाने के कारण मशीन का संचालन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले को सीएमओ के पास भेजा जा चुका है और संबंधित तकनीशियनों को यहां से हटाने के लिए लिखित रूप से पत्र भी भेजा गया है।

सम्भवत: स्वास्थ्य विभाग को इस गंभीर समस्या पर शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि यह ना केवल अस्पताल की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है, बल्कि मरीजों की जान जोखिम में डालने के बराबर भी है। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो लोगों का विश्वास इस सरकारी स्वास्थ्य सेवा से उठ सकता है, और उन्हें निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ेगा, जो कि एक महंगा विकल्प है।

कासिमाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डिजिटल एक्स-रे मशीन की सही तरीके से कार्यशीलता सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि आम जनता को सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।