जखनिया। कोतवाली भुड़कुड़ा के मस्तीपुर गांव में गुरुवार की भोर में एक दुखद घटना घटी, जब आवासीय मड़ई में आग लगने से 10 वर्षीय वर्षा की मौत हो गई। यह घटना पूरी क्षेत्रवासियों के लिए मर्माहत करने वाली रही। आग की चिंगारी लगने के कारण मृतक परिवार को अभी तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। इस बीच, पीड़ित परिवार के सदस्य अपने नजदीकी पट्टीदार केदार पासवान के घर से भोजन प्राप्त कर रहे हैं, और गांव के लोग खाद्यान्न और अन्य मदद भी पहुंचा रहे हैं।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि मस्तीपुर के प्रमोद पासी, पत्नी कौशल्या देवी और उनके तीन बच्चों के साथ झोपड़ी में रहते थे। गुरुवार की सुबह अलाव की चिंगारी ने उनकी झोपड़ी में आग पकड़ ली। कौशल्या देवी, जो सो रहे बच्चों में से दो को लेकर बाहर निकल आईं, तीसरी बच्ची वर्षा को नहीं बचा सकीं। आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और वर्षा झोपड़ी में ही जलकर अपनी जान गंवा बैठी। इसके अलावा, झोपड़ी में बंधी दस बकरियों और गृहस्थी का सारा सामान भी जलकर राख हो गया।

ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने के लिए पानी डालने का प्रयास किया, लेकिन तब तक सब कुछ राख हो चुका था। घटना के बाद, प्रमोद पासवान की पत्नी कौशल्या देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। यह परिवार का राशन कार्ड बना हुआ है, जिसके तहत उन्हें प्रत्येक माह 35 किलो गेहूं और 35 किलो चावल मिलते हैं, जिनसे वे अपना जीविकोपार्जन करते हैं।

ग्राम विकास अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि फिलहाल परिवार को कोई सरकारी आवासीय सुविधा नहीं थी, और इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो भी संभव मदद हो सकेगी, वह परिवार को मुहैया करवाई जाएगी। हालांकि, प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस मदद नहीं मिली है, जिससे पीड़ित परिवार की कठिनाइयों में कोई कमी नहीं आई है।