गाजीपुर। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय आवहन  पर पूजा स्थल अधिनियम 1991 को सख्ती से लागू करने,उलंघन करने वालों कठोर दंड देने,सम्भल,बहराइच घटनाओं की सर्वोच्च  न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जाँच कराने, मणिपुर पर संसद  में चर्चा कराने, अडानी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति से जाँच कराने, विद्युत विभाग सहित  सार्वजानिक  प्रतिष्ठानो का निजीकरण रोकने,किसानो के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने,खाद,  विजली,पानी की व्यवस्था दुरुस्त करने,शिक्षा,स्वास्थ्य का राष्ट्रीकरण करने,देश के सांप्रदायिक  सद्भाव  को कायम रखने,देश विदेश में अल्पसंख्यको पर हमला बंद करने की मांग  सहित 15 मांगो को लेकर गाजीपुर में सरजू  पाण्डेय पर्क में धरना दिया गया।इसे सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा की वर्तमान सरकार जनसवालों पर ध्यान न देकर केवल ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। सदियों से भारत की साझी संस्कृति,साझी विरासत की गंगा जमुनी  तहजीब को ध्वस्त कर रही है।शिक्षा,स्वास्थ्य महंगा है।भ्रष्टाचार चरम पर है। देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी को बचाया जा रहा है ।संसद  को सत्तपाक्ष द्वारा हास्यास्पद बना दिया गया है।संसदीय परंपरा  की धज्जिया उड़ाई जा रही है।यह सब सत्तपाक्ष कर रहा है ।आरोप विपक्ष पर लगाया जा रहा है। जब की संसद  में जनता, देश के प्रश्नों पर चर्चा की जानी चाहिए।प्रदेश की कानून व्यवस्था ख़त्म हो रही है। योगी राज में लूट का साम्राज्य कायम हो गया है। ऐसी दशा में जानता को सड़को पर उतर कर भीषण संघर्ष करना होगा।धरने को भा क पा राजयकार्यकारिणी सदस्य अमेरिका सिंह यादव,पूर्व विधायक राजेंद्र यादव,पार्टी जिला सचिव जनार्दन राम,सह सचिव राम अवध,बच्चेलाल यादव,अवधनारायण, रामकेर यादव,भूमिधर राजभर,सुभाष,रामशुक्ला,मोहन प्रसाद औरअजय मिश्रा आदि रहे।