गाजीपुर। पुलिस अधीक्षक गाजीपुर के कुशल निर्देशन में आज परिवार परामर्श केन्द्र, पुलिस लाइन गाजीपुर में पति-पत्नी के विवाद से संबंधित कुल 26 प्रकरणों की सुनवाई की गई। इन मामलों का निस्तारण करने के लिए पुलिस द्वारा मध्यस्थता की प्रक्रिया अपनाई गई।
इन 26 प्रकरणों में से 5 प्रकरण ऐसे थे, जिनमें लंबे समय से विवाद चल रहे थे। पुलिस ने दोनों पक्षों को बैठाकर बिना किसी दबाव के मध्यस्थता के माध्यम से समाधान कराया। दोनों पक्षों ने गिले-शिकवे भुलाकर आपसी समझदारी से अपने विवादों का समाधान किया और खुशी-खुशी मामले का निपटारा किया।
इसके अलावा, 8 प्रकरणों में मध्यस्थता सफल नहीं हो सकी, जिसके बाद इन मामलों को विधिक कार्यवाही के लिए छोड़ दिया गया और पत्रावली बंद कर दी गई। 6 पारिवारिक विवादों में पुलिस की कुशलता से समाधान हुआ और इन मामलों को पत्रावली बंद कर दिया गया। शेष मामलों में मध्यस्थता का प्रयास नहीं हो सका, इसलिए उनकी अगली तिथि निर्धारित की गई है।
इन प्रकरणों के निस्तारण में परिवार परामर्श केन्द्र के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे, जिनमें विक्रमादित्य मिश्र, वीरेंद्र नाथ, कमरूद्दीन, सरिता गुप्ता, सोनिया सिंह, महिला सहायता प्रकोष्ठ प्रभारी शशि सिंह, उप निरीक्षक शशिधर मिश्रा, महिला आरक्षी संध्या, महिला आरक्षी रोली सिंह, आरक्षी शिव शंकर यादव और महिला होमगार्ड उर्मिला गिरी शामिल थे।
इस पहल का उद्देश्य पारिवारिक विवादों का समाधान शांति और सहमति से करना है, ताकि समाज में आपसी रिश्तों को सुदृढ़ किया जा सके और परिवारों में तनाव कम किया जा सके। पुलिस प्रशासन की यह पहल पारिवारिक मामलों में मध्यस्थता को बढ़ावा देती है और लोगों को कानूनी रास्तों पर चलने के लिए प्रेरित करती है।