गाज़ीपुर, 26 दिसम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भा.क.पा.) का स्थापना दिवस समारोह भारद्वाज भवन कार्यालय पर पार्टी के झंडा फहराने के साथ प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर पार्टी के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अमेरिका सिंह यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज ही के दिन, 1925 में कानपुर में भा.क.पा. की स्थापना हुई थी। इसी कारण, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड डी. राजा के नेतृत्व में शताब्दी समारोह की शुरुआत वहीं से हो रही है। इसके साथ ही देश के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर भी यह समारोह मनाया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी की स्थापना स्वतंत्रता संग्राम के बीच हुई थी, और उस समय पार्टी के सामने दो मुख्य लक्ष्य थे— एक, भारत को अंग्रेजी दासता से मुक्त करना और दूसरा, शोषणविहीन समतामूलक समाज की स्थापना करना। आजादी की जंग में पार्टी ने महती कुर्बानी दी और अपनी गौरवशाली परंपरा का निर्वहन किया। पार्टी के अजय घोष जैसे कई साथी, जो सरदार भगत सिंह के साथ जेल में कैद रहे, उस संघर्ष का हिस्सा थे।

यद्यपि देश आजाद हुआ, लेकिन सत्ता पूंजीपतियों और उनके समर्थकों के हाथ में चली गई, और देश ने पूंजीवादी विकास का रास्ता अपनाया। इसके बावजूद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जमींदारी उन्मूलन, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के निर्माण, भूमि सुधार और भूमिहीनों को जमीन देने के लिए तेलंगाना, पुन्नपा वायलार, सातारा जैसे कई भीषण संघर्षों का नेतृत्व किया। हजारों साथियों ने इस संघर्ष में अपनी जान की आहुति दी।

इसी कारण पार्टी चुनावों में मुख्य विपक्षी दल के रूप में सामने आई और केरल में सत्ता में आई। इसके बाद, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, राजाओं के विशेष अधिकारों को समाप्त करना, और खालिस्तानी तथा जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों के खिलाफ संघर्ष को अंजाम दिया। इसके अतिरिक्त, संयुक्त मोर्चा सरकार में मनरेगा कानून, सूचना का अधिकार और आदिवासी कानूनों की स्थापना में भी पार्टी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवादी मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है। जनसवालों पर लड़ते हुए पार्टी का लक्ष्य पूंजीवादी समाजव्यवस्था को समाप्त कर शोषणविहीन समतामूलक समाज की स्थापना करना है।

समारोह को सह सचिव राम अवध, ईश्वरलाल गुप्ता, डॉक्टर राम बदन सिंह, डॉक्टर इकबाल अहमद, बच्चेलाल, रामजन्म राम, बब्बन यादव, चतुरी मास्टर, भूमिधर राजभर, राजदेव यादव और आदिने भी सम्बोधित किया। किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक राजेंद्र यादव ने अध्यक्षीय सम्बोधन में जनसवालों पर तीखे संघर्ष करने पर बल दिया। संचालन ईश्वरलाल ने किया।