गाजीपुर। आज दिनांक 17 दिसंबर 2024 को अमर उजाला समाचार पत्र द्वारा Sunbeam School Ghazipur में आयोजित "पुलिस की पाठशाला" कार्यक्रम में गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक ने हिस्सा लिया और छात्राओं को सुरक्षा और आत्मरक्षा के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, उन्हें हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानकारी देना और उन्हें यातायात नियमों के पालन के लिए प्रेरित करना था।

कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक ने छात्रों और छात्राओं को विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने 112 (आपातकालीन हेल्पलाइन), 1090 (महिला हेल्पलाइन), 1098 (बाल सहायता हेल्पलाइन), 181 (महिला सुरक्षा हेल्पलाइन), 102 (एम्बुलेंस सेवा) और अन्य महत्वपूर्ण संपर्क नंबरों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही, उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों पर भी चर्चा की और छात्राओं को सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के लिए जागरूक किया।

पुलिस अधीक्षक ने इस अवसर पर छात्राओं को यह बताया कि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति या अपराध का शिकार होने पर उन्हें घबराने की बजाय इन हेल्पलाइन नंबरों का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। यह नंबर 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं और उनसे तुरंत सहायता मिल सकती है। पुलिस अधीक्षक ने विशेष रूप से साइबर अपराधों के प्रति छात्राओं को सजग रहने की सलाह दी और बताया कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत जानकारी का साझा करना कितना खतरनाक हो सकता है।

इसके अलावा, कार्यक्रम में यातायात नियमों के पालन पर भी जोर दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने छात्राओं को विशेष रूप से बाइक और स्कूटी चलाते समय हेलमेट का उपयोग करने के लिए जागरूक किया। उन्होंने कहा कि हेलमेट न केवल उनके जीवन को सुरक्षित रखता है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा के लिए एक अहम कदम है। यह छोटे-छोटे कदम हमारे जीवन में बड़े बदलाव ला सकते हैं और हमें दुर्घटनाओं से बचा सकते हैं।

कार्यक्रम के अंत में, पुलिस अधीक्षक ने छात्राओं को आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए शुभकामनाएं दी और उन्हें उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही सबसे शक्तिशाली हथियार है, जो हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सकता है। साथ ही, उन्होंने छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।

यह कार्यक्रम न केवल छात्राओं के लिए एक शिक्षा सत्र साबित हुआ, बल्कि उनके सुरक्षा, आत्मरक्षा और जागरूकता के प्रति एक अहम कदम भी था। पुलिस प्रशासन का यह प्रयास निश्चित ही समाज में महिला सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन को बढ़ावा देगा और आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित और जागरूक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

इस कार्यक्रम में स्कूल के अध्यापक, छात्र-छात्राएँ और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। पुलिस की पाठशाला जैसे कार्यक्रमों से बच्चों और किशोरों को अपनी सुरक्षा के बारे में जानकारी देना और उन्हें अपने अधिकारों से अवगत कराना बेहद महत्वपूर्ण है, जो समाज में बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।