गाजीपुर। रमाबाई अम्बेडकर महिला एसोसिएशन जनपद ईकाई के तत्वावधान में शहर के फुल्लनपुर स्थित एक मैरेज हाल में महिला सशक्तिकरण एवं संवैधानिक अधिकार के लिए बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान पर महिला महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हजारों महिलाओं ने भाग लिया और एकजुट होकर अपनी बात रखी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बुद्धमित्र मुसाफिर ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बाबा साहेब ने हिन्दू कोड बिल के माध्यम से महिलाओं को अधिकार दिलवाए। उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं को बाबा साहेब का आभार प्रकट करना चाहिए। मुसाफिर ने यह भी कहा कि महिलाएं काफी सहनशील होती हैं और घर-परिवार के साथ-साथ समाज की मुख्यधारा से जुड़कर संघर्ष करती हैं। इन महिलाओं के मान, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करना हर व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी को एकजुट रहने का आवाहन किया।

विशिष्ट अतिथि नीलम बौद्ध ने महिला शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती अशिक्षा है। हमें किसी भी हालत में शिक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता है और आने वाली पीढ़ी को भी शिक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए। तभी महिलाओं की हर क्षेत्र में शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।

कल्पना आर्या ने महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि आज के परिवेश में घर चलाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन इसके साथ ही हमें अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहना जरूरी है। तभी हमें समाज में समानता मिल सकेगी।

इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार प्रबुद्ध, जिलाध्यक्ष मंजू भारती, धनंजय कुमार, वीरेंद्र प्रताप, सर्वजीत आर्या, रामहर्ष बौद्ध, विवेक कुमार रंजन, नंदू बौद्ध, इंदू प्रबुद्ध, मीना बौद्ध, आरती बौद्ध, मंजू बौद्ध, संतोष भारती, रिंकू बौद्ध, पुष्पा प्रभाकर, डॉ. प्रभाकर प्रसाद, फिरोज़ कुमार, इंजिनियर अमरनाथ समेत कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

महिला महासम्मेलन ने यह संदेश दिया कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए और समानता की दिशा में एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए।