गाज़ीपुर। ग़ाज़ीपुर के माहेपुर, करंडा निवासी मनोहर यादव ने बिहार लोक सेवा आयोग (बी.पी.एस.सी) में हिंदी प्रवक्ता के पद पर अपनी सफलता का परचम लहराया है। इस शानदार चयन में महत्वपूर्ण योगदान उनके गुरु आदरणीय एस.एल. वर्मा सर और उनके परिवार, मित्रों, भाई और चाचा का विशेष सहयोग शामिल है। मनोहर यादव ने इस सफलता का श्रेय उन सभी को दिया, जिनके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से अपने सपनों को साकार करने में मदद ली।

मनोहर ने कहा, "मेरे जीवन में संघर्ष और समर्पण का अनमोल योगदान रहा है। अगर मुझे इस सफलता का स्वाद मिला है तो इसके पीछे मेरे गुरुओं का आशीर्वाद और परिवार का समर्थन है।" उन्होंने आगे कहा कि प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल करना आसान नहीं होता, यह हमेशा संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास की एक लंबी यात्रा होती है। उनका मानना है कि संघर्ष ही सफलता की कुंजी है, जैसा कि हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने कहा था:

"युद्ध नहीं जिसके जीवन में वह भी बड़े अभागे होंगे।

या तो प्रण को तोड़े होंगे या तो रण से भागे होंगे।"

मनोहर यादव ने अपनी शिक्षा यात्रा में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं। वे पहले ही यूजीसी नेट, एमपी प्रवक्ता और जूनियर हाई स्कूल के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। यह उनका समर्पण और कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल की।

उनकी सफलता यह साबित करती है कि अगर मेहनत, संघर्ष और सही मार्गदर्शन का साथ मिले तो किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। मनोहर यादव के इस सफलता की यात्रा ने न केवल ग़ाज़ीपुर जिले, बल्कि पूरे प्रदेश के प्रतियोगियों के लिए एक प्रेरणा का कार्य किया है। अब उनकी योजना शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक योगदान देने की है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके।

मनोहर यादव की यह उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह उनके परिवार, मित्रों और शिक्षकों के मार्गदर्शन और समर्थन की भी सजीव मिसाल है।