गाजीपुर: स्वामी सहजानंद महाविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र विभाग में शोध उपाधि हेतु प्री सबमिशन सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें विभाग में शोधरत चार छात्रों ने अपने-अपने शोध कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया। इस सेमिनार की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) वी के राय ने की, और महाविद्यालय के शोध समिति के सभी सदस्य भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

सेमिनार में डॉ. कृष्णानंद चतुर्वेदी के शोध निर्देशन में श्री सुबाष चंद्र यादव और श्री मनीष कुमार पांडे ने अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए। इसके अलावा, श्री अवधेश कुमार पांडेय और श्री अरुण कुमार ने भी अपने शोध कार्यों को संगोष्ठी में प्रस्तुत किया।

सेमिनार में दिग्विजय नाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोरखपुर के प्राचार्य प्रो. डॉ. ओ पी सिंह भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के तुलनात्मक अध्ययन पर विचार रखते हुए कहा कि गांधी के अतिरिक्त अंबेडकर जी सर्वमान्य सुधारों के प्रणेता थे, जिनके प्रभाव और सुझावों को आज सभी राजनीतिक दलों ने स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों ने अंबेडकरवादी विचारों को स्वभावगत, चुनावगत और प्रभावगत परिस्थितियों में अपनाया है।

संगोष्ठी में प्रो. अवधेश नारायण राय, प्रो. विलोक सिंह, डॉ. रामधारी राम, डॉ. राकेश पांडेय, डॉ. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, डॉ. जयशंकर राय, श्री अजय कुमार सिंह, श्री कुशल पाल सिंह, डॉ. नर नारायण राय, डॉ. सतीश कुमार पांडे, डॉ. सतीश राय, और डॉ. विजय कुमार ओझा भी उपस्थित थे। सभी सदस्यों ने शोध कार्य की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

समापन सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) वी के राय ने छात्रों को जीवन में राजनीतिक समस्याओं के गहन विश्लेषण के प्रति रुचि बनाए रखने की सलाह दी और कहा कि स्तरीय शोध कार्य उच्च शिक्षा संस्थाओं के मानक होते हैं। अंत में, उन्होंने शोधरत छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।