गाजीपुर। बिहार के प्रसिद्ध हास्य कलाकार नागेश्वर दास, जिन्हें लोग 'इंडियन लाफिंग बुद्धा' के नाम से भी जानते हैं, अपने ठहाकों के माध्यम से देशभर में लोगों के अवसाद को दूर करने का काम कर रहे हैं। नागेश्वर दास का यह अनोखा मिशन न केवल भारत के गांवों और शहरों में बल्कि स्कूलों और कॉलेजों में भी लोकप्रिय हो रहा है।

हाल ही में, कुंवर इंटर कॉलेज, नरवर मरदह में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान उन्होंने हजारों छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को हंसाया और ठहाके लगवाए। इस दौरान उन्होंने बताया कि ठहाका लगाकर हंसना मानसिक, शारीरिक, सांस्कृतिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। उनका मानना है कि हंसी के इस सरल उपाय से शुगर, बीपी और अवसाद जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।

नागेश्वर दास का कहना है, "ठहाका मारने से सभी प्रकार के मानसिक अवसाद जड़ से समाप्त हो जाते हैं। योग आसन, प्राणायाम और सुबह की सैर के बाद भी यदि मन में हलचल रहती है, तो हंसी के जरिए उसे शांत किया जा सकता है।" वे आगे कहते हैं, "हंसी से न केवल मन शांत होता है, बल्कि तन भी स्वस्थ रहता है। हमारे पुरखों का यह कथन है कि हंसता हुआ घर ही बसता है, इसे हमें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।"

नागेश्वर दास ने यह भी बताया कि पिछले 24 वर्षों से वह इस मिशन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। उनका उद्देश्य पूरे भारत में हर जगह हंसी और मुस्कान फैलाना है। इस कार्यशाला में विद्यालय के प्रबंध निदेशक संजय कुमार चतुर्वेदी, लालबहादुर सिंह, सुरेन्द्र यादव, कुंदन यादव, संतोष तिवारी, सपना पाण्डेय, सोनू विश्वकर्मा, अजय कुशवाहा, श्वेता यादव, विवेकानंद दूबे, संजीव प्रजापति, धनंजय खरवार और अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित थे।

इस अनोखी कार्यशाला में नागेश्वर दास के ठहाकों ने न केवल उपस्थित लोगों को हंसी से लोटपोट किया, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला।