कायनात ने बताया कि उनका और उनके पति का रिश्ता शुरू से ही अच्छा था। नवंबर 2019 को हुई शादी के बाद से दोनों छह वर्षों तक खुशहाल जीवन जी रहे थे। हालांकि, उनके ससुराल पक्ष के कुछ लोग उनसे नाराज थे, लेकिन फिर भी उनका परिवार अच्छा चल रहा था। उनके पति तौफीक रोजी-रोटी की तलाश में बहरीन गए थे और उन्होंने 2023-2024 में अपनी पत्नी कायनात को भी अपने साथ बुला लिया था। बहरीन में भी दोनों के रिश्ते सुखमय थे और कोई परेशानी नहीं थी।
अचानक हुआ बदलाव: गुमशुदगी और तलाक का नोटिस
लेकिन 12 नवंबर 2024 को कायनात के जीवन में एक बड़ा मोड़ आया। उनके पति तौफीक घर से बिना किसी सूचना के निकल गए और फिर वापस नहीं आए। उनका फोन भी बंद था। इस पर कायनात काफी परेशान हुईं और उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट 12 नवंबर 2024 को गाजीपुर कोतवाली में दर्ज कराई।
इतना सब होने के बाद 23 नवंबर 2024 को कायनात के घर एक तलाक की नोटिस आई, जो उनके पति तौफीक की ओर से भेजी गई थी। तलाक की यह नोटिस उनके लिए एक बड़ा झटका थी, क्योंकि उनका और उनके पति का रिश्ता पहले काफी अच्छा था। ऐसे में इस अचानक हुए बदलाव ने कायनात को मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान कर दिया।
कायनात ने इस घटनाक्रम की सूचना 11 दिसंबर 2024 को माननीय मुख्यमंत्री जी को दी और 10 दिसंबर 2024 को गाजीपुर पुलिस अधीक्षक को भी इस मामले में सूचना दी। इसके साथ ही, 13 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय महिला आयोग को भी मामले की जानकारी दी गई।
कायनात ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से कई बार इस मामले में न्याय की गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उनका कहना है कि उन्हें अब तक न्याय नहीं मिल पाया है और प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई गंभीर कदम नहीं उठाए गए हैं। इस कारण उन्होंने मीडिया का सहारा लिया है ताकि उनका मामला लोगो के सामने आए और उन्हें न्याय मिल सके। कायनात ने कहा कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती हैं और इसके लिए वह प्रशासन से जल्द न्याय की उम्मीद करती हैं।
कायनात ने मीडिया के सामने अपनी व्यथा रखी और कहा कि जब प्रशासन उनके मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है तो उन्होंने मीडिया का सहारा लिया है। उनका कहना है कि मीडिया के माध्यम से उनके मामले को सरकार और समाज के सामने लाया जाएगा, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनके पति के साथ उनका रिश्ता फिर से बहाल हो सके।
कायनात ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में तुरंत कार्रवाई करें और उनकी परेशानियों का समाधान करें, ताकि एक पीड़ित महिला को न्याय मिल सके और उसे ससुराल में शांति से रहने का अधिकार प्राप्त हो सके।
यह मामला गाजीपुर की एक महिला की न्याय की तलाश को उजागर करता है, जो प्रशासन के उदासीन रवैये से परेशान हो चुकी है। कायनात ने मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठाई है और उम्मीद जताई है कि इससे प्रशासन पर दबाव बनेगा और उसे न्याय मिलेगा। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी जल्दी कदम उठाता है और कायनात को उसके अधिकार कब दिलाता है।