गाजीपुर, 30 दिसम्बर। कम्युनिस्ट पार्टियों के संयुक्त आह्वान पर गृहमंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग को लेकर गाजीपुर मुख्यालय स्थित सरजू पाण्डेय पार्क में एक धरना आयोजित किया गया। इस धरने में वक्ताओं ने गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने की कड़ी आलोचना की और इसे संविधान विरोधी कदम बताया।

वक्ताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) हमेशा से भारतीय संविधान का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने आजादी के संघर्ष के दौरान अंग्रेजों और राजे-रजवाड़ों का समर्थन किया था और संविधान की प्रतियां जलायी थीं। इस सरकार का संविधान विरोधी रुख स्पष्ट है, और यह मनुस्मृति के समर्थक हैं।

धरने में शामिल नेताओं ने यह भी कहा कि भारतीय संविधान ही हमारे देश का मार्गदर्शक है, जो लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के सिद्धांतों पर आधारित है। यही संविधान भारतीय जनता की मुक्ति का मार्ग है, और हम इसे किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होने देंगे। डॉ. अंबेडकर को देश के नायक के रूप में सम्मानित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार तानाशाही और फासीवादी है, जो लोकतंत्र, किसानों, मजदूरों, छात्रों, नवजवानों, पिछड़ों और दलितों के खिलाफ है। वामपंथी दल इसके खिलाफ अंतिम दम तक संघर्ष करेंगे और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

धरने को संबोधित करने वालों में प्रमुख रूप से किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, भाकपा माले के राष्ट्रीय नेता ईश्वर प्रसाद कुशवाहा, भाकपा के जिला मंत्री जनार्दन राम, माले जिला सचिव शशिकांत कुशवाहा, भाकपा के सह सचिव राम अवध, ईश्वरलाल गुप्ता, डॉक्टर राम बदन सिंह, सपा नेता सूरज राम बागी, योगेंद्र भारती, सुरेंद्र राम, संजय, मोती प्रधान, नंदकिशोर, रामशुक्ला, भोला यादव आदि शामिल रहे।

धरने की अध्यक्षता पार्टी के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अमेरिका सिंह यादव ने की। इस धरने ने गाजीपुर में संविधान और डॉ. अंबेडकर के सम्मान की रक्षा को लेकर एक मजबूत संदेश दिया है।