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गाजीपुर। बहुजन कवि डॉ. रंजन कुमार के नेतृत्व में गाजीपुर जिले के बोगना चट्टी पर एक विशाल आक्रोश प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह प्रदर्शन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ की गई अभद्र एवं आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में था। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने अमित शाह से तत्काल माफी मांगने और उन्हें पद से हटाने की मांग की। इस प्रदर्शन का आयोजन बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क से किया गया था, जो धीरे-धीरे बोगना चट्टी तक पहुंचा।



प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बाबा साहेब के खिलाफ की गई इस टिप्पणी को बहुजन समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। डॉ. रंजन कुमार ने कहा कि हम अपने महान नेता के सम्मान के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और यदि अमित शाह माफी नहीं मांगते हैं, तो हम सड़कों से लेकर संसद तक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की इस टिप्पणी से देश के पिछड़े, दलित और संविधान समर्थक लोगों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है।

डॉ. रंजन ने भाजपा की मानसिकता पर भी हमला करते हुए कहा कि यह पार्टी न केवल बाबा साहेब के संविधान को नहीं मानती, बल्कि वह अपने संकीर्ण और तानाशाही विचारों को पूरे देश पर थोपना चाहती है। उनका आरोप था कि भाजपा का वास्तविक उद्देश्य भारत के संविधान को नकारना और नागपुर के संविधान को लागू करना है।

समाजसेवी संतोष चौबे ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता के बल पर अभिव्यक्ति की आजादी को छीनने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार जनता के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए अनाप-शनाप बयानबाजी करती है। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे अहम मुद्दों पर सरकार के पास कोई समाधान नहीं है। इसके बजाय भाजपा नेता मस्जिदों में मंदिर खोजने और जातिवाद और मजहब के नाम पर समाज में दरार डालने का काम कर रहे हैं।

डॉ. महेंद्र राम ने इस टिप्पणी को सिर्फ बाबा साहेब का अपमान नहीं, बल्कि देश के संविधान का अपमान भी बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीति नकारात्मक है और यह पार्टी हमेशा झूठ और धोखे के सहारे अपनी राजनीति करती है। उनके अनुसार, मोदी-योगी सरकार देश के लिए खतरा बन चुकी है और देशहित में इसे सत्ता से बेदखल करना आवश्यक है।

प्रदर्शनकारियों ने इस अवसर पर कई जोशीले नारे लगाए, जिनमें "बाबा साहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान", "बाबा साहेब अमर रहे", "भारत माता की जय" और "अमित शाह इस्तीफा दो" जैसे नारे प्रमुख थे।

इस विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से समाजसेवी संतोष चौबे, कवि डॉ. रंजन कुमार, विक्रांत, पवन, दीपक, डॉ. दीपक, सौरभ, बिक्रमा बौद्ध, जयकरण राम, राधे राम, अरविंद कुमार, देवेंद्र शेषनाथ, जयकिशुन सहित हजारों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि उनका संदेश सरकार तक पहुंचे और जो भी कार्रवाई की जाएगी, वह बाबा साहेब के सम्मान और संविधान के बचाव में होगी।

यह प्रदर्शन यह संकेत देता है कि समाज के हर वर्ग में बाबा साहेब के योगदान और उनके संविधान को लेकर गहरी श्रद्धा है और किसी भी तरह के अपमान को लेकर समाज में भारी आक्रोश है।