गाजीपुर। जिले के नोनहरा थाना क्षेत्र में 13 दिसंबर को एक दु:खद और चौंकाने वाली घटना सामने आई। हनुमान यादव, जो कि एक भूतपूर्व सैनिक हैं और कारगिल युद्ध में भाग ले चुके हैं, पर जानलेवा हमला किया गया। यह हमला उनके गांव नोनहरा स्थित उनके घर में हुआ। हमलावरों ने हनुमान यादव को सोते समय सिर पर गंभीर चोट पहुंचाई, जिससे उनका चेहरा और उंगलियों से काफी खून बह गया। इस हमले ने क्षेत्रीय लोगों में भय का माहौल बना दिया और यह घटना स्थानीय पुलिस प्रशासन के लिए भी एक चुनौती बन गई।
हनुमान सिंह यादव पर हमले के बाद तत्काल गाजीपुर एसपी ग्रामीण से फोन द्वारा संपर्क किया गया और ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके बाद थाना नोनहरा और पुलिस को हमले की सूचना दी गई। हालांकि, हमले के बाद की स्थिति में हनुमान यादव को तत्काल प्राथमिक इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ा। डॉक्टरों ने जजरुबी चिट्ठी न होने के कारण मेडिकल बनाने से मना कर दिया, जिससे उनकी स्थिति और गंभीर हो गई।
अगले दिन 14 दिसंबर को हनुमान सिंह यादव गाजीपुर के अस्पताल में अपने इलाज के लिए गुहार लगा रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उन्हें कोई राहत नहीं मिली। हनुमान यादव, जो एक पूर्व सैनिक रहे हैं, ने इस कठिन समय में सरकारी व्यवस्था की बेरुखी का सामना किया। उनके इलाज में हो रही देरी और प्रशासन की नीरसता ने उनकी स्थिति को और गंभीर बना दिया।
इस घटना ने न केवल स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि आम नागरिकों और विशेष रूप से हमारे सैनिकों को सरकारी व्यवस्थाओं में कितनी परेशानी होती है। हनुमान सिंह यादव ने इस मामले में उच्च अधिकारियों से मदद की अपील की है, ताकि उन्हें सही इलाज मिल सके और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
गाजीपुर जिले में बढ़ते अपराधों और पुलिस की लापरवाही को लेकर अब तक कई शिकायतें आई हैं, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की नाकामी को उजागर किया है। हनुमान सिंह यादव जैसे पूर्व सैनिकों के साथ इस तरह की घटनाएं न केवल उनके सम्मान के खिलाफ हैं, बल्कि यह समाज में कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाती हैं।
हनुमान सिंह यादव के परिवार ने प्रशासन से अपील की है कि वह इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करें और हमलावरों को सजा दिलवाने के साथ ही घायल हनुमान यादव का इलाज सुनिश्चित करें। यह घटना गाजीपुर में सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत पर गंभीर सवाल खड़े करती है, और यह समय की मांग है कि सरकार इस पर ध्यान दे।
कुल मिलाकर, यह घटना गाजीपुर जिले में प्रशासन की लापरवाही और नागरिकों की सुरक्षा की खामियों को उजागर करती है। नागरिकों को सुरक्षा का आश्वासन देने वाले प्रशासन की कार्यप्रणाली पर अब सवाल उठने लगे हैं।