गाजीपुर: वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल हवाई अड्डे के पार्क में स्थित राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और तथागत भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा को तोड़ दिया गया। इस घटना को लेकर समाजसेवी राजकुमार मौर्य ने बौद्ध कल्याणकारी महिला उत्थान ट्रस्ट के कार्यालय पर बैठक का आयोजन किया। बैठक में सभी उपस्थित लोगों ने इस कृत्य को पागलपन करार दिया।
मुनेश्वर सागर ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बौद्ध संस्कृति को नष्ट करने का खतरनाक प्रयास है। उन्होंने कहा, "यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया है। जिस हवाई अड्डे पर परिंदे भी नहीं मार सकते, वहां राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और बुद्ध की मूर्ति को तोड़ दिया गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस घिनौनी घटना पर शासन-प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है। मुनेश्वर सागर ने न्यायिक जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अपील की।
उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो बौद्ध समाज इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। यह घटना प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा धर्म पर किए गए व्याख्यानों के विपरीत साबित होती है। समाजसेवी राजकुमार मौर्य ने मुख्यमंत्री से अपील की कि वह यथाशीघ्र अशोक स्तंभ और बुद्ध प्रतिमा को पुनः स्थापित करने का कष्ट करें।
इस बैठक में समाजसेवी राजकुमार मौर्य, राकेश यादव, संतोष गुप्ता, सावित्री मौर्य, हिमांशु मौर्य, प्रदीप मद्धेशिया और अन्य लोग उपस्थित रहे।