गाजीपुर। जिले में इस समय ग्रामीण सफाई कर्मचारियों से अवैध वसूली का मामला चर्चा में है। सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि संगठन के कर्मचारी नेता प्रति कर्मचारी 1800 से 2000 रुपये की वसूली कर रहे हैं, जो उनके मानदेय या वेतन में वृद्धि लागू कराने के नाम पर की जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी 16 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद यह वृद्धि लागू होनी है, और इसी वृद्धि के बहाने संगठन के लोग उनसे पैसे वसूल रहे हैं।
यह वसूली पूरे जनपद में लगभग 3400 सफाई कर्मचारियों से की जा रही है, और अगर प्रति कर्मचारी 2000 रुपये की वसूली होती है, तो लगभग 68 लाख रुपये की राशि इकट्ठा हो सकती है। इस पैसे का क्या किया जाएगा, इस सवाल पर कोई भी संगठन का नेता स्पष्ट जवाब देने में असमर्थ है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि संगठन के लोग धरना-प्रदर्शन के खर्च, अधिकारियों की सेवा या लखनऊ रैली के नाम पर भी उनसे पैसे वसूलते हैं।
यहां तक कि जिन कर्मचारियों ने इस वसूली का विरोध किया, उन्हें संगठन के नेताओं द्वारा अधिकारियों से मिलकर परेशान किया जाता है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वे जानकारी की कमी और डर के कारण चुपचाप यह राशि देने के लिए मजबूर हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा न करने पर उनके लिए समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
यह मामला अब सवाल खड़ा कर रहा है कि क्या इस अवैध वसूली पर काबू पाया जा सकेगा, और कब तक सफाई कर्मचारी इस शोषण का शिकार होते रहेंगे। यह घटना सफाई कर्मचारियों के अधिकारों और उनके जीवनयापन की कठिनाइयों को उजागर करती है, और यह सरकार और प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती है।