गाजीपुर मरदह ,बौद्ध कल्याणकारी महिला उत्थान ट्रस्ट के तत्वाधान में सावित्री बाई फूले की जयंती मनाई गई । स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मौजूदगी में कार्यक्रम हुआ सम्पन्न ।मौके पर 100 से ज्यादा महिलाएं रही मौजूद ।महिलाओं को संबोधित करते हुए समाज सेवी राजकुमार मौर्य
ने कहा कि
फुले दंपत्ति ने जीवन भर अस्पृश्यता, सती प्रथा, बाल विवाह और शिक्षा प्रणाली में सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। रूढ़िवादिता को अस्वीकार करने वाली सावित्रीबाई ने 1890 में ज्योतिबा फुले के निधन पर उनका अंतिम संस्कार भी किया, जो कि हमारे समाज में आमतौर पर पुरुषों द्वारा किया जाने वाला कार्य है।सावित्री बाई फूले महज 18 वर्ष की उम्र में महिलाओं के लिए विद्यालय खोलने वाली पहली महिला थी ।
राकेश यादव ने कहा कि सावित्री बाई फूले महिलाओं के लिए भगवान थी ।
कार्यक्रम का संचालक हिमांशु मौर्य सौहार्द बंधुत्व मंच के संचालक ने कहा कि आज भी महिलाएं प्रताड़ित हो रही है जिसके लिए अब खुद सावित्री बाई बनने की जरूरत है ।
कार्यक्रम में मौजूद मीरा देवी, मनभावती,ममता, मंजू राजभर,सोनम,सरिता,रेखा ,गीता,, रामवती, रम्भा,कुसुम, मीना अनीता पूनम, रामावतार मौर्य समाज सेवी