गाजीपुर, 26 दिसम्बर 2024: गाजीपुर में मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य की अध्यक्षता में टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा बैठक का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया। इस बैठक में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान और सभी ब्लॉकों में क्षय रोग की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की गई।

बैठक में बताया गया कि 2030 तक दुनिया भर में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि भारत सरकार ने इसे 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है। मुख्य विकास अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि टीबी से संबंधित जानकारी जैसे टीबी के लक्षण, टीबी कैसे फैलता है, और टीबी की जांच प्रक्रियाओं के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने जोखिम वाली जनसंख्या, विशेष रूप से उन लोगों को चिन्हित करने की आवश्यकता बताई जिनमें टीबी होने का खतरा अधिक हो सकता है।

बैठक में 100 डेज कैम्पेनिंग को लेकर भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। अब यह अभियान 15 जनपदों के अलावा सभी जनपदों में शुरू किया जाएगा। इसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव द्वारा 25 दिसंबर 2024 को पत्र जारी कर सभी जनपदों में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में इस कार्यक्रम को लागू करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य विकास अधिकारी ने जनपद में संचालित मेडिकल मोबाइल वैन की मदद से गांव-गांव में बलगम परीक्षण और अन्य जरूरी जांचों को तेज करने की बात की। इसके साथ ही, आशा कार्यकर्ताओं और सीएचओ को टीबी के संभावित मरीजों को चिन्हित कर उनकी जांच कराने के निर्देश दिए गए, ताकि टीबी के मरीजों का समय से इलाज सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को यह निर्देश भी दिया कि चिन्हित सभी टीबी मरीजों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सभी आवश्यक सुविधाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए।

बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी सुनील पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र सरोज, परियोजना निदेशक राजेश यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी अंशुल मौर्या, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, नगर पालिका और नगर पंचायत के ईओ, क्षेत्राधिकारी सदर सुधाकर पाण्डेय, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, सामुदायिक केंद्र के प्रभारी अधिकारी, क्षयरोग विभाग के सभी कर्मचारी और अधिकारी उपस्थित थे।

इस महत्वपूर्ण बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि टीबी उन्मूलन के लिए पूरे जनपद में एकजुट होकर कार्य करना आवश्यक है, ताकि हर व्यक्ति को टीबी से मुक्त एक स्वस्थ जीवन मिल सके।