गाज़ीपुर। मकर संक्रांति का पर्व हर साल जनवरी माह में मनाया जाता है, जो न केवल एक धार्मिक अवसर है, बल्कि यह समाज में सामूहिकता और भाईचारे का प्रतीक भी है। इस दिन सूर्य देवता के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही नई शुरुआत का अहसास होता है, जो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने की कामना करता है। इस दिन को लेकर समाज में विशेष उत्साह होता है और लोग विभिन्न तरीकों से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।

इसी अवसर पर, शाश्वत सिंह ने अपने मित्रों के साथ मिलकर ददरी घाट पर खाद्य सामग्री का वितरण किया, जिससे उन्होंने समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया। उनका यह कदम न केवल एक साधारण दान था, बल्कि इसने समाज में प्रेम, भाईचारे और सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित किया। शाश्वत सिंह, जो हमेशा सेवा के कार्यों में सक्रिय रहते हैं, इस बार भी ददरी घाट पर जाकर इस महापर्व को और भी विशेष बना दिया।

शाश्वत सिंह का मानना है कि जब हम समाज में रहने वाले लोगों के बीच आपसी प्रेम और समझ का माहौल बनाते हैं, तो समाज में एक सकारात्मक बदलाव होता है। मकर संक्रांति के दिन खाद्य सामग्री वितरित करके उन्होंने यह संदेश दिया कि समाज की खुशहाली केवल व्यक्तिगत सफलता से नहीं, बल्कि एक-दूसरे की मदद और समर्थन से ही संभव है।

उन्होंने कहा, "यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में बदलाव लाने के साथ-साथ अपने आसपास के लोगों की मदद भी करनी चाहिए। ददरी घाट पर खाद्य सामग्री वितरित करके मैंने सिर्फ उन्हें कुछ सामग्री नहीं दी, बल्कि प्रेम और सहयोग की भावना भी साझा की।"

शाश्वत सिंह का यह कदम न केवल मकर संक्रांति के उत्सव को विशेष बनाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि हमें अपने संसाधनों का इस्तेमाल दूसरों के भले के लिए करना चाहिए। इस तरह के कार्य समाज में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और सभी के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

इस प्रकार, शाश्वत सिंह का योगदान समाज में एक मिसाल पेश करता है और यह हमें यह याद दिलाता है कि त्योहार केवल उत्सव मनाने के लिए नहीं होते, बल्कि यह समाज की सेवा करने का एक माध्यम भी हो सकते हैं।