वाराणसी, 16 जनवरी 2025। नेहरू युवा केंद्र, माय भारत, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित अंतर जनपद युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का सफल समापन आज सारनाथ स्थित नंदा गेस्ट हाउस में हुआ। इस समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर एसएन पाल, सहायक निदेशक सूचना, ने मेरठ से आए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वाराणसी का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व अतुलनीय है। यह शहर दुनिया के प्राचीनतम नगरों में से एक है और हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।

डॉक्टर एसएन पाल ने कहा, "यद्यपि 5 दिन का समय काशी को जानने के लिए बहुत कम है, फिर भी मेरठ से आए युवा निश्चित रूप से वाराणसी की समृद्ध संस्कृति से अवगत हुए होंगे।"

नेहरू युवा केंद्र द्वारा संचालित आदर्श युवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष राजेंद्र मानव ने कहा कि जिस स्थल पर यह कार्यक्रम हुआ, वह भगवान बुद्ध के उपदेशों की धरती है। यहां से पूरी दुनिया ने बौद्ध धर्म से परिचय प्राप्त किया। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इस कार्यक्रम से प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में लागू करें।

भा.ज.पा. मंडल प्रभारी अश्वनी त्रिपाठी ने युवा शक्ति के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "युवाओं के बल पर 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाया जाएगा।"

1965 के भारत-पाक युद्ध में परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद वीर अब्दुल हमीद के पौत्र जमील आलम ने कहा कि उनके दादाजी का सिद्धांत था 'नेशन फर्स्ट' और 'राष्ट्र भक्ति'। उन्होंने भारतीय सेना के अदम्य साहस और बलिदान की सराहना की, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है।

समारोह में डॉक्टर नंदकिशोर ने भी युवाओं से आह्वान किया कि देश की प्रगति के लिए युवा शक्ति ही सबसे बड़ी ताकत है।

नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी प्रतीक साहू ने 5 दिवसीय शिविर की गतिविधियों की जानकारी दी और कहा कि उन्होंने भी युवाओं से बहुत कुछ सीखा है, जो भविष्य में कार्यक्रमों के आयोजन में सहायक सिद्ध होगा।

इस कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया, और कार्यक्रम का संचालन अंगद सिंह यादव ने किया।

कार्यक्रम में इंद्रजीत यादव, राकेश यादव, राजेश विश्वकर्मा, सुरेश, देवेंद्र कुमार और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

यह कार्यक्रम युवाओं को प्रेरित करने और उनकी शक्ति को पहचानने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जो भविष्य में राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे।