गाज़ीपुर, जेलों में निरुद्ध महिला बंदियों और अन्य बंदियों को स्वावलंबी बनाने के प्रयासों के तहत, आज एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति, लखनऊ के चेयरमैन डॉ. उमेश शर्मा के निर्देशन में जिला कारागार में महिला बंदियों के लिए सिलाई मशीन प्रदान की गई। यह पहल बंदियों को रोजगार से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गुरुवार को आयोजित इस कार्यक्रम में जेल अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने समिति की इस कोशिश की सराहना की और बताया कि इससे महिला बंदियों को कौशल सीखने का अवसर मिलेगा, जो उनके समाज में पुनः स्थापित होने में सहायक होगा। इस अवसर पर प्रांतीय विशेष सचिव मयंक सिंह, डॉ. ए.के. राय, यश अजय सिंह, और चंदन प्रजापति सहित कई समिति सदस्य उपस्थित थे।
इससे पहले भी समिति ने महिला बंदियों के लिए दो सिलाई मशीनें प्रदान की थीं, ताकि वे अपने कौशल को बढ़ाकर आत्मनिर्भर बन सकें। समिति का मानना है कि ऐसे प्रयासों से बंदियों की मानसिकता में भी बदलाव आएगा और वे समाज की मुख्यधारा में फिर से शामिल हो सकेंगे।
समिति की ये पहल न केवल बंदियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अपराध मुक्त समाज की ओर एक सकारात्मक कदम भी है। स्वावलंबी बनने के बाद ये बंदी अपने अधिकारों और कर्तव्यों को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में योगदान करेंगे।