गाजीपुर। जनपद और पखनपुरा गांव के लिए यह गर्व का पल है कि सायमा अजीम को ताइवान विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त हुई है। वह लैब से स्नातक करने वाली पहली भारतीय मुस्लिम और ताइवान विश्वविद्यालय से न्यूरोसाइंस में स्नातक करने वाली पहली भारतीय मुस्लिम हैं। इतना ही नहीं, वह इस विशेष कार्यक्रम में दुनिया भर में एकमात्र मुस्लिम लड़की हैं, जो यह उच्चतम शिक्षा हासिल कर पाई हैं। यह दुर्लभतम पीएचडी डिग्री है, जो निश्चित रूप से सायमा की मेहनत और समर्पण का परिणाम है।

सायमा अजीम, जो कि प्रसिद्ध प्रोफेसर डॉ. एमएन हक और तबस्सुम नसीम की बेटी हैं, पखनपुरा गांव, गाजीपुर, यूपी की रहने वाली हैं। उनके इस उपलब्धि पर उनके पिता, प्रोफेसर डॉ. एमएन हक ने गर्व से बताया, "हमारी बेटी ने न केवल जिले का, बल्कि पूरे प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। हमें अपनी बेटी पर गर्व है।" उन्होंने यह भी कहा कि बेटियों को शिक्षा देना बेहद जरूरी है, क्योंकि शिक्षा ही उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है।

यह उपलब्धि न केवल सायमा अजीम के लिए, बल्कि उनके परिवार, गांव और समग्र समाज के लिए एक प्रेरणा है। उनके इस अद्वितीय प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकती हैं। सायमा अजीम की सफलता ने यह साबित कर दिया कि अगर ठान लिया जाए, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।