गाजीपुर। सदर गाजीपुर क्षेत्र के अतरौली ग्राम सभा में मानव धर्म प्रसार समाज सेवी संस्था का 27वां वार्षिक सम्मेलन धूमधाम से आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन ईश्वर वंदना से हुआ, जिसे गुरु वंदना दीपक जी ने प्रस्तुत किया। इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे, जिनमें से प्रमुख वक्ताओं ने मानव धर्म और जीवन के सत्य मार्ग पर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वक्ता सुलोचन जी ने अपने संबोधन में कहा, "परमात्मा ने हमें 84 लाख योनियों में सर्वप्रथम मानव रूप में जन्म दिया। हम अपने जीवन को व्यर्थ गंवा रहे हैं। सत्संग के बिना विवेक प्राप्त करना संभव नहीं है, और भगवान की कृपा के बिना सत्संग में पहुंचना भी कठिन है। हमें अहंकार से मुक्त होकर सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए और दूसरों को कष्ट न पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।"
इसके बाद वक्ता गोरख जी ने भजन प्रस्तुत करते हुए कहा कि महाराज जी की बातों को समझने और उस पर अमल करने की आवश्यकता है।
वक्ता माधव कृष्ण ने मानव धर्म प्रसार संस्था के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "आज का दिन बहुत विशेष है। यह संस्था अपने गुरु के आदेश का पालन करते हुए समाज में सत्य का प्रचार कर रही है। भगवान शिव ने कहा है कि सतयुग में सभी लोग ब्राह्मण थे। पहले वर्ण व्यवस्था कर्म और गुण पर आधारित थी, न कि जन्म पर। जो दान करता है वह क्षत्रिय है, जो खेती या व्यापार करता है वह वैश्य है, और जो सेवा करता है, वह शूद्र है। मनुष्य के कर्म के अनुसार ही उसका वर्ण निर्धारित होता है।" उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने अहंकार को छोड़कर हर जीव को सम्मान देना चाहिए और दीन-दुखियों की सेवा में अपने जीवन को समर्पित करना चाहिए।
सम्मेलन के समापन पर बाबा गंगादास जी की आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके बाद अतरौली शाखा की ओर से सभी दूर-दूर से आए अनुयायियों और ग्रामवासियों को प्रसाद के रूप में भोजन वितरित किया गया।
इस अवसर पर राजेंद्र जी, वशिष्ठ, मोहन, सोनू, दीपक यादव, सुनील, कन्हैया, होरीलाल, अरविंद, राम अवध, अवधेश, रमेश, पवन, लोकनाथ, सुदामा, इंद्रदेव यादव, शिव बालक यादव, दीपक यादव, प्रभाकर, मंगल आदि उपस्थित थे।
इस सम्मेलन ने सभी को मानव धर्म के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों की याद दिलाई और सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।