लखनऊ: ज़ेड ए लॉन में मदरसा मिसबहुल कुरान और मदरसा सय्यद ना उमर के बच्चों द्वारा कुरआन मुकम्मल करने पर सालाना जलसा-ए-आम का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दराज़ से आए हुए लोग सम्मिलित हुए। इस जलसे में बच्चों की मेहनत और तालीम को सराहा गया और उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रमों ने सभी को प्रभावित किया।
जलसे का आग़ाज़ क़ुरआन की तिलावत से हुआ। कारी मोहम्मद इस्माइल ने अपनी मधुर आवाज़ में क़ुरआन की तिलावत की, जिससे समूचा माहौल आध्यात्मिक हो गया। इसके बाद बच्चों ने अपनी मेहनत का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और तालीमी कार्यक्रम पेश किए, जिन्हें उपस्थित लोगों ने बहुत सराहा।
इस जलसे का संचालन मौलाना कारी शाह फैसल ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम के दौरान संयम और समर्पण का परिचय दिया। जलसे की अध्यक्षता मौलाना मुस्तफा मदनी ने की, जिन्होंने अपने सम्बोधन में समाज में एकता और भाईचारे का संदेश दिया। मौलाना ने कहा कि तालीम से ही समाज में बदलाव आ सकता है और हमें मिलजुल कर समाज की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए।
कार्यक्रम की समाप्ति मौलाना मुस्तफा मदनी की दुआ से हुई, जो सभी के लिए बरकत और खुशहाली की कामना करते हुए हुई। इस अवसर पर शाहज़ाद खान, संस्थापक शहीद हसन फाउंडेशन, हाफिज वासिल, अब्दुल कुद्दुस, मोहम्मद बेलाल, मोहम्मद फ़ाज़िल, मोहम्मद शाहनवाज़, मौलाना अब्दुल्ला नदवी सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे, जिन्होंने जलसे को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
यह जलसा न सिर्फ तालीम की अहमियत को रेखांकित करता है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे के संदेश को भी फैलाता है।