गाज़ीपुर। भारत सरकार और प्रदेश सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने की अपील करते हुए यूनाइटेड मीडिया गाज़ीपुर के पत्रकारों ने एक मौन जुलूस का आयोजन किया। यह जुलूस सीतापुर में पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेयी की निर्मम हत्या के विरोध में आयोजित किया गया था, जिनकी हत्या उस समय हुई जब उन्होंने धान खरीद घोटाले और भ्रष्टाचार के खिलाफ खबर प्रकाशित की थी। राघवेन्द्र की हत्या ने पूरे पत्रकार समुदाय को मर्माहत कर दिया है और इस घटना ने देश भर में पत्रकारों के सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से प्रमुख बना दिया है।

यूनाइटेड मीडिया पत्रकार एसोसिएशन, गाज़ीपुर ने 11 मार्च 2025 को जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को एक पत्र सौंपा। इस पत्र में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून बनाने, और मृत पत्रकार के परिवार को न्याय दिलाने की अपील की गई। पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर निम्नलिखित मांगें की गई हैं:

पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेयी की निर्मम हत्या के दोषियों को मृत्यु दण्ड दिया जाए।

पत्रकारों द्वारा भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों का खुलासा करने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए जाने हेतु राष्ट्रपति द्वारा तत्काल अध्यादेश जारी किया जाए।

पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेयी के आश्रित परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि और सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।

पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे और उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए, और इसके दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाए।

पत्रकारों के लिए उचित मानदेय तय किया जाए।

गाज़ीपुर के पत्रकारों ने यह आशा जताई है कि राष्ट्रपति और सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेंगे और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। यह पत्रक उन पत्रकारों की आवाज़ है, जो अपनी जान की परवाह किए बिना सत्य और न्याय की तलाश में काम कर रहे हैं।

पत्रकारों के प्रति यह हिंसा न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि समाज में स्वतंत्रता और न्याय के प्रति विश्वास को भी कमजोर करती है।