वाराणसी। नेहरू युवा केंद्र वाराणसी द्वारा आयोजित माय भारत युवा कार्यक्रम, खेल मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में अंतर जनपद युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तीसरे दिन पश्चिम बंगाल (जलपाईगुड़ी), उत्तराखंड (रुद्रप्रयाग), सिक्किम (सिक्किम), राजस्थान (गंगानगर), असम (कामरूप) और बिहार (मधुबनी) के विभिन्न जिलों से आए हुए युवाओं को काशी के पौराणिक स्थल सारनाथ और धार्मिक स्थल काशी विश्वनाथ के दर्शन कराए गए।
युवाओं ने सारनाथ का दौरा किया, जो देशभर में सबसे पवित्र बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। यहां बोधगया में ज्ञान प्राप्ति के बाद भगवान बुद्ध ने महा धर्म चक्र परिवर्तन के रूप में अपना पहला पवित्र उपदेश दिया था। सारनाथ की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की अनेक संरचनाओं और स्मारकों ने युवाओं को गहरे प्रभाव में डाला।
दोपहर के समय, युवाओं को काशी विश्वनाथ मंदिर के दिव्य दर्शन करने का अवसर मिला, जिससे वे अत्यंत अविभूत और विस्मित हो गए। काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन उनके लिए एक आध्यात्मिक अनुभव था, जिसने कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया।
कार्यक्रम के चौथे दिवस की शुरुआत योग, भजन और स्वच्छता के साथ की गई। इसी दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर युवाओं ने सारनाथ स्थित वृद्धा आश्रम का दौरा किया। वहां उन्होंने जीवन व्यतीत कर रहे वृद्धजनों से मुलाकात की, उनका कुशलक्षेम पूछा और अबीर लगाकर उन्हें होली की अग्रिम बधाई दी। वृद्धा आश्रम के संस्थापक धीरेंद्र कुमार राय ने भी युवाओं को आशीर्वचन दिए और उनके प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर लेखाकार नेहरू युवा केंद्र सुभाष प्रजापति ने भी युवाओं को संबोधित किया और उन्हें सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षक अंगद यादव ने किया। इस मौके पर रिंकेश कुमार, कंचन दहाल, सीमा श्री, सूर्य विश्वास, उदय कुमार, कोमल कुमार, अमन कुमार सहित अन्य युवा उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम युवाओं के लिए एक अनूठा अनुभव साबित हुआ, जहां उन्होंने न केवल धार्मिक स्थलों का दर्शन किया, बल्कि समाज सेवा और संस्कारों को भी अपनाया।