गाज़ीपुर। 8 मार्च 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) गाजीपुर कार्यकर्ताओं द्वारा सत्यदेव डिग्री कॉलेज में एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की स्थिति पर चर्चा करना और उनके सुझावों को एकत्रित करना था। संगोष्ठी में प्रवासी कार्यकर्ता एस.एफ.एस प्रांत सह संयोजक सुश्री निवेदिता मिश्रा ने छात्राओं से संवाद करते हुए भारतीय मातृशक्ति की भूमिका पर जोर दिया।

निवेदिता मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा, "संपूर्ण संसार में मातृशक्ति पाताल से लेकर आसमान तक शौर्य का परिचय दे रही है। जहां एक ओर षडयंत्रकारियों ने भारतीय महिलाओं को अबला बताया, वहीं अहिल्याबाई होलकर, रानी लक्ष्मीबाई, जीजाबाई, दुर्गावती जैसे वीरांगनाओं ने अपनी वीरता और नेतृत्व का प्रदर्शन करते हुए यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय मातृशक्ति अबला नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता है।"

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. रोहित सिंह ने छात्राओं को प्रेरित किया और कहा, "आपको केवल शिक्षा में ही नहीं, बल्कि खेलों में भी सक्रिय भागीदारी दिखानी चाहिए। खेलों के माध्यम से छात्राओं को नेतृत्व के गुणों को विकसित करना चाहिए।"

संगोष्ठी के दौरान, छात्राओं से 'छात्रा स्थिति सर्वेक्षण अभियान' के माध्यम से उनकी वर्तमान स्थिति और समस्याओं के बारे में जानकारी एकत्रित की गई। यह जानकारी आगामी दिल्ली में होने वाले छात्रा संसद में प्रस्तुत की जाएगी, जिससे छात्राओं की स्थिति में सुधार लाया जा सके।

कार्यक्रम का संचालन ईशान पॉल मोदी ने किया। इस अवसर पर विपुल, ईशान, बृजेश, पीयूष और प्रकाश जैसे कई कार्यकर्ता भी उपस्थित थे, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया।

इस संगोष्ठी ने यह संदेश दिया कि भारत की मातृशक्ति को अबला के रूप में देखना एक भ्रांति है। महिलाएं किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती हैं और उनके पास अपार शक्ति और क्षमता है।