गाज़ीपुर। श्री गंगा आश्रम द्वारा आयोजित मानवता अभ्युदय महायज्ञ के 47वें वर्ष में श्रद्धालुओं में अभूतपूर्व उत्साह और श्रद्धा देखने को मिल रही है। गुजरात, फरीदाबाद, वाराणसी, कानपुर, कोलकाता, मुंबई और गाज़ीपुर के विभिन्न गांवों से आए भक्तगण यज्ञ का लाभ ले रहे हैं। यह परमहंस बाबा गंगारामदास के प्रति लोगों के प्रेम का प्रतीक है, जिन्होंने कहा था, "रामहि केवल प्रेम पियारा।"
दैनिक व्याख्यानमाला में साहित्यकार माधव कृष्ण ने विवेक चूड़ामणि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विवेक से जीवन में वैराग्य का उदय होता है। उन्होंने वैराग्य को परिभाषित करते हुए कहा, "वैराग्य का अर्थ है देह से लेकर ब्रह्मा तक किसी भी वस्तु या विषय के सुख को भोगने की इच्छा का लोप हो जाना।" यदि भोग की इच्छा बनी रहती है, तो अधिक सत्संग की आवश्यकता है ताकि विवेक पुष्ट हो। विवेकी साधक दूसरों की दुर्दशा देखकर या निरीक्षण मात्र से भोग में लिप्त नहीं होता।
उन्होंने शाक्यमुनि गौतम बुद्ध का उदाहरण देते हुए बताया कि जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और रोग देखकर उनके मन में वैराग्य जागा। बुद्धिमान व्यक्ति दूसरों की गलतियों से सीखकर कुकर्मों और कुविचारों से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा, "ज्ञान की अग्नि में सभी कुकर्म भस्म हो जाते हैं। इसलिए भारतीय अध्यात्म को सर्वोच्च माना जाता है।"
ज्ञानदीप श्रृंखला में महामंडलेश्वर बापू जी महाराज ने कहा कि सात्विक श्रद्धा रूपी गाय को शुभ आचरण की हरी घास मिलने पर दूध बनता है, लेकिन इसे निकालने के लिए भाव रूपी बछड़े की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, "भाव से श्रद्धा रसवती होती है।" श्रद्धा को स्थिर रखने के लिए निवृत्ति मार्ग रूपी रस्सी जरूरी है। भगवान श्रीकृष्ण की गीता के हवाले से उन्होंने कहा, "जो कर्मफल से अनासक्त होकर शुभ कर्म करता है, वही सच्चा संन्यासी है।"
उन्होंने आगे कहा कि श्रद्धा, शुभ कर्म और भाव के बावजूद यदि वैराग्य नहीं है, तो दूध नहीं निकलेगा। बिना दूध के घी और बिना घी के ज्ञान का दीपक नहीं जल सकता। उन्होंने अध्यात्म को एक वैज्ञानिक और तर्कसंगत प्रक्रिया बताया।
सभा का समापन गुरु अर्चना, ईश्वर विनय, यज्ञस्थल और तपस्थल की परिक्रमा, प्रसाद वितरण और भोजन प्रसाद के साथ हुआ। आश्रम के सर्वराहकार भोला बाबा व्यवस्था संभालने में व्यस्त रहे।
यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक जागरण का केंद्र बना, बल्कि भक्तों के बीच एकता और श्रद्धा का संदेश भी प्रसारित करता रहा।