विशेष रिपोर्ट:डा.सविता पूनम
वाराणसी (वीएनएफए/वि. स./बीबीसी -इण्डिया)। महिला के साथ जालसाजी तथा बदसलूकी के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,वाराणसी की अदालत ने सिगरा थाना प्रभारी को आदेशित किया है कि इस मामले में उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करें।
ज्ञातव्य हो कि इस प्रकरण में निराला नगर , शिवपुरवा,थाना सिगरा निवासिनी आयुषी जायसवाल अपने अधिवक्तागण सर्वश्री अरविंद कुमार शर्मा , अक्षय पाठक व आभाष शर्मा के माध्यम से बी० एन० एस ० एस की धारा 174 (3) के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप है कि आयुषी जायसवाल ने शांति देवी व बिल्डर अरशद ख़ान से शिवपुरवा थाना सिगरा स्थित अपार्टमेंट में एक फ्लैट खरीदा था जिसमे सभी मूलभूत सुविधाओं का दावा किया गया था ,परंतु वादिनी के साथ जालसाजी व धोखाधड़ी की गई ।
सूत्रों के अनुसार फ्लैटउक्त में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। जिसकी शिकायत करने पर प्रार्थनी को फ्लैट कम दाम पर बेचने के लिए प्रताड़ित किए जाने लगा तथा बिल्डर व शांति देवी द्वारा फ्लैट में असामाजिक तत्वों को बिना किसी विक्रय के प्रार्थनी को परेशान करने की नियति से उपरोक्त अपार्टमेंट में गुजर बसर कराया जाने लगा।
घटना के संबंध में 6 मार्च 25 को अपार्टमेंट में ही अवैध रूप से रहने वाले मनबढ आयुष गुप्ता अपने 15-20 साथियों के साथ रात्रि 12 बजे आया और अपार्टमेंट के मेन गेट पर लगे ताला तोड़ दिया और वादिनी के फ्लैट के सामने गाली गलौंज किया तथा उसके गेट के पास लगे बिजली कनेक्शन में तोड़ फोड़ की। जिससे वादिनी व उसके परिजन काफी भयभीत हो गए।
घटना की सूचना वादिनी ने 1090 पर घटना की सूचना दी तथा रात्रि में ही थाना सिगरा पर तहरीर दी ।
इस मामले में पुलिस से शिकायत करने पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तब पीड़िता ने न्यायालय की शरण ली।