अपने संबोधन में श्री यादव ने कहा कि स्व. चंद्रशेखर मृदुभाषी, गंभीर और जाति-धर्म से ऊपर की राजनीति करने वाले नेता थे। वे हमेशा गरीबों, दलितों और असहायों के दर्द को समझते और उनके लिए चिंतन-मनन करते थे। उनकी सोच देश को उच्च शिखर पर ले जाने की थी।
उन्होंने बताया कि स्व. चंद्रशेखर का जन्म 17 अप्रैल 1927 को बलिया के इब्राहिम पट्टी में एक गरीब परिवार में हुआ था। राजनीति में प्रवेश के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। अपनी वाक्पटुता और संवेदनशीलता के लिए विख्यात चंद्रशेखर किसी भी संकट में लोगों के लिए कवच बनकर खड़े रहते थे। उनकी मृत्यु 8 जुलाई 2007 को हुई। अपने संघर्षों और उतार-चढ़ाव भरे जीवन में उन्होंने प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय किया।
कार्यक्रम में रामराज राम, लक्ष्मण भारती बीबीसी, संदीप विश्वकर्मा, रोलू श्रीवास्तव, मोनू श्रीवास्तव, शिवा विश्वकर्मा, अजय कुमार, गोलू कुमार, अमित कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आकाश यादव ने किया।